Amitabh Bachchan अमिताभ बच्चन के करियर की एक अनसुनी कहानी, जब उनके साथ हुआ अन्याय!
Amitabh Bachchan अमिताभ बच्चन और रेखा की जोड़ी को फिल्म 'दुनिया का मेला' से क्यों हटाया गया था? जानिए इस अनसुनी कहानी के पीछे के कारण और बॉलीवुड में अमिताभ के संघर्ष की दास्तां।
1974 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘दुनिया का मेला’ एक अनसुनी कहानी अपने भीतर समेटे हुए है। यह वही फिल्म है, जिसमें सुपरस्टार अमिताभ बच्चन Amitabh Bachchan और दिग्गज अभिनेत्री रेखा पहली बार एक साथ नजर आने वाले थे। फिल्म में रेखा और संजय खान ने लीड रोल निभाया, लेकिन इस फिल्म के साथ जुड़ी एक दिलचस्प और कम जानी-पहचानी घटना भी है, जिसमें फिल्म के निर्माता और निर्देशक ने अचानक ही अमिताभ बच्चन को फिल्म से बाहर कर दिया था। यह घटना उस समय की है जब अमिताभ बच्चन अपने करियर की शुरुआत कर रहे थे और इंडस्ट्री में पैर जमाने की कोशिश कर रहे थे।
फिल्म ‘दुनिया का मेला’ की कहानी
फिल्म का निर्देशन कुंदन कुमार कर रहे थे और इसमें अमिताभ बच्चन और रेखा को मुख्य भूमिकाओं के लिए चुना गया था। फिल्म की शूटिंग शुरू हो चुकी थी और दोनों ने एक गाने की शूटिंग भी पूरी कर ली थी। इस गाने का शीर्षक था ‘ये चेहरा ये जुल्फें…’। उस वक्त की रिपोर्ट्स के अनुसार, फिल्म के प्रोड्यूसर्स को अमिताभ और रेखा की जोड़ी पसंद नहीं आई।
अमिताभ के साथ क्यों हुआ ऐसा?
अमिताभ बच्चन उस समय इंडस्ट्री में एक स्ट्रगलर थे और रेखा पहले से ही एक जानी-मानी अभिनेत्री थीं। कहा जाता है कि रेखा को अमिताभ के साथ काम करने में कोई विशेष रुचि नहीं थी। प्रोड्यूसर्स ने यह महसूस किया कि दर्शकों के बीच भी इस जोड़ी की केमिस्ट्री को लेकर संशय हो सकता है। इसलिए, फिल्म के निर्माताओं ने अमिताभ को फिल्म से हटा दिया और उनकी जगह किसी और अभिनेता को लेने का फैसला किया।
बॉलीवुड में अमिताभ का संघर्ष
अमिताभ बच्चन के करियर की शुरुआत काफी संघर्षपूर्ण रही। कई फिल्मों में छोटे-मोटे रोल करने के बाद भी, उन्हें बड़ी सफलता नहीं मिली थी। ‘दुनिया का मेला’ एक ऐसी फिल्म थी, जो उनके करियर को नया आयाम दे सकती थी। हालांकि, फिल्म से बाहर किए जाने के बाद भी, अमिताभ ने हार नहीं मानी और आगे बढ़ते रहे। जल्द ही, उन्होंने ‘जंजीर’ जैसी सुपरहिट फिल्म से अपनी पहचान बनाई और बॉलीवुड के शहंशाह कहलाए।
क्या कहते हैं फिल्म निर्माता कुंदन कुमार?
कुंदन कुमार के करीबी सूत्रों के मुताबिक, फिल्म के प्रोड्यूसर्स की ओर से अमिताभ बच्चन को हटाए जाने का फैसला अचानक लिया गया था। कुंदन कुमार खुद भी इस फैसले से हैरान थे, लेकिन निर्माताओं के दबाव में उन्हें यह निर्णय मानना पड़ा। यह बात साबित करती है कि बॉलीवुड में संघर्ष और किस्मत का बहुत बड़ा रोल होता है।
‘दुनिया का मेला’ से जुड़े इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि बॉलीवुड में करियर की दिशा किसी भी वक्त बदल सकती है। अमिताभ बच्चन की यह कहानी प्रेरणादायक है, क्योंकि उन्होंने संघर्ष और असफलताओं के बावजूद कभी हार नहीं मानी। आज भी उनकी यह कहानी नए कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।